जन्म - 7 फ़रवरी 1958 ई.
जन्म स्थान - ग्राम रामपुर ,पोस्ट खन्देवरा , जिला कौशाम्बी , उत्तर प्रदेश
डॉ बिन्दूजी महाराज कवी , साहित्यकार एवं आयुर्वेदाचार्य के साथ सुप्रसिद्ध तंत्र मन्त्र सम्राट हैं
तंत्र विज्ञान की आपने पूर्ण वैज्ञानिक विवेचना करते हुए तमाम प्रकार की साधनाए करके अनेकों
दुर्लभ सिद्धियाँ प्राप्त की हैं और अपने तांत्रिक तथा आयुर्वेदीय ज्ञान के द्वारा अनेकों असाध्य रोगों से ग्रस्त
रोगियों को जीवन दान दिया है । आपने एड्स (एच आई वी ) और कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियों से
अनेकों लोगों को मुक्त किया है ।
आप जहां एक कुशल चिकित्सक हैं वहीँ एक जाने माने इतिहास वेत्ता भी हैं आपने कुम्भ मेलों पर बहुत
काम किया है और कुम्भ मेलों तथा साधू संतों के अखाड़ों का प्रमाणिक इतिहास लिखा है आपकी " कुम्भ
महापर्व और अखाड़े एक विवेचन " पुस्तक काफी लोकप्रिय हुई है तथा आज वह सबसे प्रमाणिक कृति
मानी जाती है । अर्ध कुम्भ मेले का कोई विशेष साहित्य न होने के कारण लोग हमेशा अर्ध कुभ को लेकर
असमंजश की स्थिति में रहते थे जिसकी पूर्ति हेतु आपने अथक प्रयास करके " अर्ध कुम्भ परम्परा एवं इतिहास"
नामक कृति जनमानस के सामने प्रगट किया है ।साथ ही साथ आपने बारह कुम्भ मेलों पर कार्य करते हुए उन्हें
चिन्हित करने एवं उनके साक्ष्य जुटाने हेतु आज भी सतत प्रयत्नशील हैं । इसी क्रम में आपने छत्तीस गढ़ राज्य के राजिम
कुम्भ मेला पर विशेष शोध कार्य करके " राजिम कुम्भ की प्राचीनता एवं प्रमाणिकता " नामक कृति की रचना करके एक
बहुत बड़ा उपकार कुम्भ मेलों के इतिहास पर किया है । आपने हरिद्वार , प्रयागराज (इलाहाबाद ) ,उज्जैन और त्र्यम्बकेश्वर
नाशिक कुम्भ मेलों के अतिरिक्त कुम्भ कोंडम ( तामिलनाडू ) और राजिम ( छत्तीसगढ़ ) तथा नेपाल राष्ट्र में लगाने वाले अमृत
महोत्सवों को पुरातात्विक , साहित्यिक , पुराणिक , भौगोलिक तथा ज्योतिषीय तत्वों , साक्ष्यो की विवेचना करते हुए यह
सिद्ध किया है ये अमृत महोत्सव प्राचीन कुम्भ महापर्व थे और हैं ।
डॉ बिन्दू जी महाराज एक कुशल एवं सफल वैज्ञानिक भी हैं आपने अनेकों धार्मिक तथा तांत्रिक सिधान्तों को विज्ञान की
कशोटी पर काश कर सत्य सिद्ध किया है । आप एक अच्छे क्वाइन्स कलेक्टर ( मुद्रा संग्राहक ) भी हैं ।आपका साधनामय
जीवन अनेकों विशेषताओं से भरा पडा है । आपका सम्मान करते हुए देश की अनेकों साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने शताधिक
बार आपका सम्मान किया है । आप आचार्य श्रीचन्द्र कविता महाविधालय एवं शोध संस्थान , हंस वाहिनी साहित्यिक संस्था ,
हिंन्दी हाइकु क्लब , षष्ट दर्शन संत महंत संघ और भारतीय संत समाज संघ जैसी अनेकों संश्थाओं के संस्थापक एवं संचालक
हैं ।आप एक उदारमना तपस्वी संत हैं आपके कार्यो का सम्मान करते हुए देश के साहियिक जगत ने आपके पचासवें जन्म दिन
के अवाषर पर एक विशाल अभिनन्दन ग्रन्थ प्रासिद्ध साहित्यकार दिवाकर पाण्डेय के कुशल सम्पादन में " फक्कड़ मसीहा " के
नाम से प्रकाशित किया है । साथ ही अभी हाल में ही कवी साहित्यकार एवं मारवाड़ी हिंदी विधालय के वरिष्ठ प्राध्यापक अशोक
दुबे ने आपके जीवन पर प्रकाश डालते हुए " बचपन से पचपन तक , जीवन गंगा प्रवाह " नामक कृति लिखा है । कुल मिला कर डॉ
बिन्दू जी महाराज इस युग के महान वैज्ञानिक संत एवं इतिहासकार है और उनका जीवन गागर में सागर की भाँती है ।
Saturday, 1 March 2014
Life introduction of Dr.Bindu ji Maharaj
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Kotishah Naman ...
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